अखिल भारतीय कमलापुरी वैश्य महासभा की सातवीं बैठक को लेकर हुई चर्चा पर बिनय कुमार गुप्ता की कविता-
कभी बात ज्ञान की करते नहीं,
और खुद को पंडित कहते हैं।
उड़ते पेड़ खजूर से,
कौवे को बाज समझते हैं।
जन कमला की बात करेंगे,
लाख पंद्रह और बारह करते हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने जो नहीं कहा,
जोरों से माइक पकड़ते हैं।
विधान सभा और लोक सभा,
सब को एक समझते हैं।
कभी बात ज्ञान की करते नहीं,
और खुद को कमला पंडित कहते हैं।
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