जानिए अब तक कहां-कहां हुए महाधिवेशन और कौन-कौन हुए हैं अध्यक्ष?

कमलापुरी वैश्य बनिया समाज में मजबूती और एकजुटता लाने के लिए करीब सौ साल पहले 8 जनवरी, 1915 को अखिल भारतीय कमलापुरी वैश्य महासभा की स्थापना की गई थी। स्थापना के पीछे मकसद यह था कि कमलापुरी समाज के सभी लोग मिलजुल कर रहेंगे और विकास में एक- दूसरे के भागीदार बनेंगे। जरूरत पड़ने पर या सुख-दुख में एक-दूसरे की मदद के लिए आगे आएंगे। एकजुट होकर समाज के कमजोर लोगों को ऊपर उठाने के लिए हरसंभव उपाय करेंगे। गरीब परिवार के बच्चों की शादी या अन्य समारोह में दिल खोलकर सहयोग करेंगे।


हमारे बड़े-बुजुर्गों ने इस सोच के साथ इस संगठन को यह रूप दिया था कि हमारे बनिया परिवार के लोग हमेशा कुछ बनने का प्रयास करेंगे। बनिया है तो कुछ बनेंगे। हमेशा हम अपने आगे-पीछे के और ऊपर-नीचे के लोगों का हाथ थाम कर आगे बढ़ेंगे। इससे हम खुद को आगे बढ़ेंगे ही दूसरों को भी आगे ले जा सकेंगे। संगठन होने से तन-मन-धन से एक-दूसरे के काम आ सकेंगे। लेकिन आज हम एक-दूसरे को साथ लेकर चलने के बजाय सिर्फ खुद के आगे बढ़ने पर जोर दे रहे हैं। इसमें कई बार हम खुद तो आगे बढ़ जा रहे हैं, लेकिन समाज पीछे रह जा रहा है। हम अपने लोगों को पीछे छोड़ दे रहे हैं। जबकि एक लीडर, नेतृत्वकर्ता का काम होता है सबका साथ-सबका विकास।

सबका साथ-सबका विकास हो, इसी उद्देश्य के साथ स्थापना वर्ष 1915 में ही प्रथम महासभा का आयोजन किया गया। स्थापना के एक साल के अंदर ही संस्थापक अध्यक्ष स्वर्गीय रघुनी साह जी की अध्यक्षता में 23 दिसंबर, 1915 को छपरा में अखिल भारतीय कमलापुरी वैश्य महासभा का प्रथम महाधिवेशन हुआ। महाधिवेशन चुनाव में रघुनी साह जी सर्वसम्मति से अध्यक्ष बने और उनकी अध्यक्षता में कमलापुरी समाज के लोग काफी आगे बढ़े। उस समय मोबाइल-टेलीफोन की सुविधा ना होने और रेल, सड़क, हवाई सम्पर्क बेहतर ना होने के बाद भी वे देश भर में समाज के लोगों से मिलजुकर संगठन को आगे बढ़ाते रहे और कमलापुरी समाज को जागरूक करते रहे।

उस समय कमलापुरी समाज के लोगों को एकमात्र मकसद कमलापुरी बनिया को आगे लेकर जाना रहा। उन्हें हर तरह से जागरूक बनाना रहा। उस समय वे चाहते थे कि हमें सरकार में भागीदारी बढ़ानी है, आम लोगों को शिक्षित करना है, चाहे स्कॉलशिप से ही हो उनमें शिक्षा का अलख जगाना है, संस्कार-संस्कृति से जुड़े रहकर संपत्ति- नेटवर्थ भी बनाना है, शादी-समारोह में सभी को मिलजुल कर सहयोग करना है। कमलापुरी को इस तरह से संगठित करना है कि लोग इसके साथ आने और जुड़ने के लिए लालायित रहे। लेकिन आज लग रहा है कि हम उनके आदर्श को भूलते जा रहे हैं।

अगर हमें कमलापुरी समाज को, कमलापुरी बनिया को आगे ले जाना है तो महाधिवेशन के दौरान सभी की भागीदारी सुनिश्चित करना जरूरी है। चुनाव प्रक्रिया या वोटिंग को लेकर जो सुझाव दिए गए हैं उस पर गंभीरता से विचार किए जाने की जरूरत है। महाधिवेशन के दौरान महासभा को समाज के विवाह योग्य लड़के-लड़कियों की शादी के लिए बैठक करनी होगी, जिससे सभी समाज में रिश्तेदारी को और मजबूत बना सके। पात्र छात्रों को आगे की पढ़ाई के लिए स्कॉलरशिप मिल सके इस पर भी चर्चा होनी चाहिए। राजनीतिक रूप से कमलापुरी को कैसे मजबूत हो, इसपर विचार-विमर्श करने की जरूरत है।

अखिल भारतीय कमलापुरी वैश्य महासभा दूसरा महाधिवेशन भी छपरा में हुआ। यह महाधिवेशन भी रघुनी साह जी की अध्यक्षता में 5, 6 और 7 फरवरी 1921 को हुआ था। अगर अभी तक हुए महाधिवेशन की सूची देखें तो-

1. प्रथम महाधिवेशन- 23 दिसंबर, 1915 को छपरा में।
अध्यक्ष- स्वर्गीय रघुनी साह (1915-1921)

2. द्वितीय महाधिवेशन- 5,6,7 फरवरी 1921 को छपरा में।
अध्यक्ष- स्वर्गीय रामनारायण साह गुप्त, भागलपुर (1921-1928)

3. तृतीय महाधिवेशन- 24, 25, 26 फरवरी 1928 को राज चैनपुर में।
अध्यक्ष- स्वर्गीय भोलानाथ गुप्त, केराकट (1928-1944 तक कार्यकाल, निधन 01.01.1942)

ऐतिहासिक महाधिवेशन सम्मेलन- 17,18 जून 1944 को राजनगर, मधुबनी में।
अध्यक्ष- डॉ बालेदीन गुप्त, लखनऊ (1944-1962)

4. चतुर्थ महाधिवेशन- 5,6 अप्रैल 1962 को जयनगर, मधुबनी में।
अध्यक्ष- स्वर्गीय दूखन प्रसाद गुप्ता, सहरसा (1962-1964)

5. पंचम महाधिवेशन- 11, 12, 13 जून 1964 को बलरामपुर, उत्तर प्रदेश में।
अध्यक्ष- रामेश्वर प्रसाद, पटना (1964-1974) 1974 में निधन

6. षष्ठम महाधिवेशन- 5, 6 अप्रैल, 1968 को नगर इटारी,
अध्यक्ष- रामेश्वर प्रसाद, पटना (1964-1974) 1974 में निधन

7. सप्तम महाधिवेशन- 13-15 मई, 1977 को सीतापुर, मध्य प्रदेश में।
अध्यक्ष- रामचंद्र प्रसाद महाशय (1977- 1986)

8. अष्टम महाधिवेशन- 16-17 मार्च 1980 को इलाहाबाद में।
अध्यक्ष- रामचंद्र प्रसाद महाशय (1977- 1986)

9. नवम महाधिवेशन- 5-6 अप्रैल 1986 को दानापुर, पटना में।
अध्यक्ष- रघुवर प्रसाद गुप्ता (1986- 1991)

10. दशम महाधिवेशन- 20-21 अप्रैल 1991 को शिवहर में।
अध्यक्ष- डॉ भरत प्रसाद गुप्ता (1991- 1998)

11. एकादश महाधिवेशन- 11-12 अक्तूबर 1998 को लखनऊ में।
अध्यक्ष- रामनरेश गुप्ता, पटना (1998- 2015)

12. द्वादश महाधिवेशन- 5-6 अप्रैल 2003 को सीतापुर, छत्तीसगढ़ में।
अध्यक्ष- रामनरेश गुप्ता, पटना (1998- 2015)
रामनरेश गुप्ता

13. त्रयोदश महाधिवेशन- 20-21 दिसंबर 2015 को केवटी, दरभंगा में।
अध्यक्ष- जयराम प्रसाद गुप्ता, मधुबन (2015 से
जयराम प्रसाद गुप्ता


14. चतुर्दश महाधिवेशन- 7 जनवरी 2024 को वीरपुर, सुपौल में।

आप लोगों के लिए जानने के लिए एक जरूरी बात यह है कि महासभा की ओर से 17,18 जून, 1944 को राजनगर की बैठक को महाधिवेशन के रूप में मान्यता नहीं दी गई है। यहां ध्यान देने की बात यह है कि अध्यक्ष का चुनाव अभी तक महाधिवेशन की बैठक में ही किया जाता रहा है और लखनऊ के डॉ बालेदीन गुप्त जी को राजनगर बैठक में ही अध्यक्ष चुना गया था। अगर अध्यक्ष का चुनाव हुआ तो वो सम्मेलन महाधिवेशन ही था। इसको लेकर कई लोग सवाल भी उठाते रहे हैं, लेकिन इसपर अभी तक कोई ध्यान नहीं दियाग या।

एक और बात गौर करने वाली है कि अगर आप इसे महाधिवेशन के रूप में मान्यता नहीं देते हैं तो फिर 1928 में हुए तीसरे महाधिवेशन के बाद जयनगर में 1962 में हुआ चौथा महाधिवेशन 34 साल बाद हुआ था। ये समय काफी ज्यादा है। ऐसा नहीं हो सकता कि 34 साल तक कोई बैठक ही ना हुई हो। 1928 से 1944 के बीच 16 साल का गैप है ये फिर भी उतना नहीं है जितना 34 साल का अंतराल हो जाता है। इसलिए 1944 में हुए ऐतिहासिक सम्मेलन को भी महाधिवेशन के रूप में मान्यता दिए जाने की जरूरत है। महासभा के लोग इस पर विचार कर सकते हैं।

कमलापुरी महासभा की ओर से प्रकाशित पत्रिका को देखेंगे तो आपको कुछ असमानता भी दिखेगी। कुछ अध्यक्ष के कार्यकाल को उनके मृत्यु के पश्चात भी दिखाया गया है। जबकि अध्यक्ष जी के स्वर्गवास हो जाने पर उपाध्यक्ष जी कार्यकारी अध्यक्ष होते हैं और यहां भी बनाए गए हैं। इस पर डेटा दुरुस्त करने की जरूरत है। भोलानाथ गुप्त जी का कार्यकाल 1928 से 1944 के बीच का दिखाया गया है जबकि 01 जनवरी 1942 को उनका देहांत हो गया था।

अगर जानकारी में आप कुछ सुधार-संशोधन चाहते हैं तो कमेंट में जरूर बताने का कष्ट करिएगा। यह वेबसाइट www.kamlapuriparivar.com कमलापुरी परिवार के सभी लोगों के लिए समर्पित है। यहां आप परिवार में हो रहे बर्थडे, तीज-त्योहार, शादी-विवाह, उत्सव से संबंधित खबरें और फोटो भेज सकते हैं। आपके पास वैश्य समाज से संबंधित कोई भी जानकारी है तो लिख कर फोटो के साथ मुझे guptahitendra @ gmail. com पर भेज दें। यहां नीचे कमेंट बॉक्स में अपना कमेंट/ विचार / सलाह जरूर लिखें 

धन्यवाद- हितेन्द्र गुप्ता

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