क्या तरुण गुप्ता हैं अखिल भारतीय कमलापुरी वैश्य महासभा के अध्यक्ष???

कमलापुरी परिवार के ज्यादातर लोगों को पता है कि अखिल भारतीय कमलापुरी वैश्य महासभा के अध्यक्ष जयराम गुप्ता जी हैं। केवटी, दरभंगा महाधिवेशन में जयराम गुप्ता जी बहुमत से चुनाव जीते थे। साल 2015 के बाद से वे ही कमलापुरी के अध्यक्ष हैं। लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि पिछले कई साल से तरुण गुप्ता जी भी अखिल भारतीय कमलापुरी वैश्य महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने हुए हैं।



तरुण गुप्ता जी अखिल भारतीय कमलापुरी वैश्य महासभा भारत के नाम से रजिस्ट्रेशन कराए हुए हैं और लेटरपैड भी बनाए हुए हैं। आपको यह जानकर भी हैरानी होगी कि अखिल भारतीय कमलापुरी वैश्य महासभा के दिल्ली प्रभारी सूर्य लाल गुप्ता जी उनके ग्रुप के महामंत्री भी हैं। सूर्य लाल गुप्ता जी दोनों जगह पदाधिकारी बने हुए हैं।

इतना ही नहीं सूर्यलाल गुप्ता जी की पत्नी लक्ष्मी गुप्ता जी दिल्ली महिला संघ की अध्यक्ष हैं। राष्ट्रीय महिला संघ अध्यक्ष रानी गुप्ता के सौजन्य से वे दिल्ली की महिला अध्यक्ष बनी हुई हैं। ये मामला तब तूल पकड़ा जब शिवहर में होनी वाली बैठक से पहले दिल्ली प्रभारी सूर्य लाल गुप्ता जी ने तरुण गुप्ता जी के नेतृत्व में अपने घर पर एक बैठक बुलाई। बैठक के क्रम में रानी गुप्ता जी ने जानना चाहा कि उम्मीद है कि बैठक में महिला संघ को शामिल किया गया होगा। अब सोचिए बैठक दिल्ली प्रभारी सूर्य लाल गुप्ता जी अपने घर पर बुला रहे हैं। दिल्ली महिला संघ की अध्यक्ष उनकी पत्नी लक्ष्मी गुप्ता जी हैं। और वे शामिल नहीं होंगी? क्या ये सवाल उठता है? इससे क्या संदेश जाता है?


इससे संगठन में भाई-भतीजावाद का मामला भी सामने आया। अगर आप देखेंगे तो पता चलेगा कि संगठन में ज्यादातर लोग किसी ना किसी तरह रिश्तेदारी में जुड़े हुए हैं। अपने रिश्तेदारों को पदाधिकारी बनाने पर बैठक में विरोध का सामना नहीं करना पड़ता है और सभी मामलों मे हां-में -हां मिलता रहता है। किसी भी संगठन के लिए यह सबसे खराब बात है। तरुण गुप्ता जी ने एक बार 28 मई, 2019 को दिल्ली में उसी जगह, उसी समय अपने ग्रुप के राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक कराने की नोटिस जारी की थी जहां दिल्ली प्रादेशिक सभा की बैठक होनी थी।

दिल्ली प्रादेशिक सभा की इस बैठक में उन्हें महत्व नहीं दिया गया था। दिल्ली प्रादेशिक सभा के रजिस्ट्रेशन के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम में तरुण गुप्ता के नाम के आगे से राष्ट्रीय अध्यक्ष को मिटा दिया गया था।
 

ऐसा नहीं है कि तरुण गुप्ता मामले के बारे में पदाधिकारियों को पता नहीं है। केवटी महाधिवेशन में अध्यक्ष पद के उम्मीदवार भरत कुमार जी ने अखिल भारतीय कमलापुरी वैश्य महासभा के महामंत्री शैलेश कुमार गुप्ता जी को इस बात की जानकारी दो-तीन साल पहले ही दे दी थी। लेकिन इस पर ना तो कोई जवाब दिया गया ना कोई कार्रवाई की गई।
 


आपके लिए यह भी जानना जरूरी है कि महासभा का कार्यकाल दो साल पहले पूर्ण हो जाने के बाद भी आज तक नए अध्यक्ष का चुनाव नहीं हुआ है। वर्तमान कार्यकारिणी 2015 के बाद से जमी हुई है। आपको यह जानकर भी ताज्जुब होगा कि इससे पहले महासभा अध्यक्ष राम नरेश गुप्ता जी दो साल के टर्म पर 12 साल तक सत्ता पर काबिज रहे और वर्तमान में संरक्षण की भूमिका में हैं।
 

अगर मूल संस्था स्थिर हो, शिथिल हो, निष्क्रिय हो तो समानांतर में कई अन्य संस्थाएं सक्रियता से काम करने लगती हैं। इससे समाज के सामने एक संकट की स्थिति पैदा हो जाती है। कई तरह की समस्याएं खड़ी हो जाती हैं। हालांकि इससे काम ना करने वाले पदाधिकारियों को ही नुकसान होता है, उनकी पूछ कम होने लगती है, लेकिन समाज के विकास पर भी असर पड़ने लगता है। आम लोगों का इस सबसे मोहभंग होने लगता है। लोग समाज के काम में कम रुचि लेते हैं।

इस मामले पर विनोद कमलापुरी जी का कहना भी है कि 'चाणक्य नीति है कि जब केन्द्र कमजोर होगा तब अराजकता सम्भावित है। महासभा निष्क्रिय है कोई भी व्यक्ति स्वयंभू अध्यक्ष बन सकता है थोड़ा पैसा/रुतबा होना चाहिए। हमारे बीच से ही लोग उसको प्रमोट करने वाले मिल जायेंगे।'


जैसे भी हो कमलापुरी समाज की भलाई के लिए काम होना चाहिए। जब किसी मंच पर इस बारे में सवाल उठाए जाते हैं तो महासभा के पदाधिकारियों को जवाब देने चाहिए। मगर वे चुप्पी साधे रहते हैं। महासभा के पदाधिकारी ना तो अपनी उपलब्धियों के बारे में बताते हैं, ना और जानकारी देते हैं। किसी भी सवाल पर कहेंगे कि ऑफिस आ जाइए...बताते हैं। सवाल यह है कि अपना काम बताने में शर्म कैसा? आजकल के इस दौर में...डिजिटल दुनिया में कब तक हवेली पर बुलाते रहेंगे!

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2 comments:

  1. अनुशासनहीनता, अज्ञानता, अनभिज्ञता और अक्रियाशीलता ने महासभा में अराजकता फैला रखा है और समाज बिखरा पड़ा है। शीघ्र आमूलचूल परिवर्तन करने की आवश्यकता है। हमें सही और युगांतरकारी निर्णय लेने पड़ेंगे। समाज में एकता के लिए एक मजबूत संगठन आवश्यक है।

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  2. मेरा मानना है कि हमारे समाज के बहुत सारे लोग अभी एक नही है सबसे पहले तो सभी को एक साथ होना होगा।

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